Educationist Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri talking to students during corona lockdown.

लॉकडाउन में बच्चे कभी ना होवें डाउन, एकलव्य की तरह स्वाध्याय में लगे रहें- डॉ.मधेपुरी

विगत 2020 से आज तक बाल विद्यालयों से लेकर विश्वविद्यालयों तक में कोरोना के चलते ताले लटकते रहे। बीच-बीच में बड़े-बड़े शहरों में या तो लाॅकडाउन या सेमी-लॉकडाउन लगता रहा। इस अवधि में कहीं-कहीं ऑनलाइन क्लासेज भी होते रहे।

परंतु, कोरोना की दूसरी लहर ने तो स्कूल के अधिकांश शिक्षकों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। फलस्वरूप ऑनलाइन क्लासेज भी आधा-अधूरा ही चल पाता है।

भला क्यों नहीं मजदूर दिवस के दिन तो विश्व में 1 दिन में 9 लाख कोरोना संक्रमितों की बढ़ोतरी के साथ कोरोना पीड़ितों का वैश्विक आंकड़ा 15 करोड़ के पार पहुंच गया और लगातार हर दूसरे दिन 15,000 से अधिक पीड़ितों की जानें भी जाती रही। फिलहाल सभी स्कूल-कॉलेजों को 31 मई तक पुनः बंद कर दिए गए हैं।

फिलहाल जो भी छात्र-छात्राएं घर में रह रहे हैं, वे कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का सख्ती से पालन करते रहें और “Do Yourself” को अपने पाठ्यक्रम में शामिल कर स्वाध्याय को अपनाएं और पढ़ाई से सदैव जुड़े रहें।

यह भी कि घर बैठे सभी छात्र-छात्राएं शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित स्वंय एवं स्वंय प्रभा प्लेटफार्म के जरिए भी पढ़ाई करें। बच्चे “अटल इन्नोवेशन मिशन” के तहत विभिन्न प्रकार के नि:शुल्क ऑनलाइन कोर्सेज की पढ़ाई भी करें। बकौल डॉ.मधेपुरी नौ एवं दस के छात्र किसी भी विषय की पढ़ाई जारी रखने हेतु भारत सरकार के वेबसाइट पर खोजी बनकर एक नहीं अनेक ऑनलाइन कोर्सेज का फायदा उठा सकते हैं। अंत में शिक्षाविद डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने बच्चों को यही सलाह दी है कि आप टीवी एवं मोबाइल से अनावश्यक रिश्ता ना बनाएं। एकलव्य की तरह स्वाध्याय को अपनाएं। शाम होते ही फ्रेश होकर पढ़ने बैठ जाएं। सवेरे उठें। फ्रेश होकर कुछ व्यायाम कर लें। पुनः स्वाध्याय में लग जाएं। घर के बड़े-बुजुर्ग से सीखने की प्रवृत्ति बनाए रखें और कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का सख्ती से पालन करते रहें।

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