बीएन मंडल प्रतिमा मंडप की घेराबंदी प्रगति पर

स्थानीय भूपेन्द्र चौक स्थित बीएन मंडल की प्रतिमा  एनएच-106 की ऊंचाई बढ़ने के कारण अंदर चली गई थी। जिसे 3 फीट ऊपर लाया गया। समाजसेवी व प्रतिमा संयोजक डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने बताया कि समाजवादी चिंतक भूपेन्द्र बाबू प्रतिमा स्थल उनकी 49वीं पुण्य तिथि (29 मई, 2023) तक बनाकर तैयार कर ली जाएगी। प्रतिमा मंडप न केवल यादगार स्थल बनेगा बल्कि ट्रैफिक पुलिस की सुविधा को ध्यान में रखकर भी तैयार किया जाएगा।

डॉ.मधेपुरी ने बताया कि बीच चौराहे पर स्थित भूपेन्द्र प्रतिमा स्थल के अगल-बगल ट्रैफिक पुलिस के ठहराव को लेकर निवर्तमान एसडीएम नीरज कुमार से उनकी बातें भी हुई थी। श्री नीरज ने कहा था कि ट्रैफिक पुलिस सहित अन्य राहगीरों एवं वाहन चालकों को कभी भी किसी तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़े, इसे भी ध्यान में रखा जाय।

 

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जिले के लोगों ने उत्सव की तरह मनाया 43वाँ जिला स्थापना दिवस

आज 9 मई को जिले के लोगों ने 43वां स्थापना दिवस को उत्सव की तरह मनाया। प्रातः 7:00 बजे से सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों के बच्चे प्रभात फेरी निकालकर बीएन मंडल स्टेडियम में जमा हुए। सभी स्कूली बच्चों को जिला पदाधिकारी विजय प्रकाश मीणा ने हरी झंडी दिखाई। सभी चौक-चौराहों पर स्काउट एंड गाइड के आयुक्त जयकृष्ण प्रसाद यादव, जय नारायण पंडित आदि ने स्काउट के बच्चों को ट्रैफिक कंट्रोल करने हेतु काम पर लगाया था।

दिन के 11:00 बजे बीपी मंडल इंडोर स्टेडियम में कबड्डी के लाइफलाइन माने जाने वाले जिला सचिव अरुण कुमार की देखरेख में कबड्डी, टेबल टेनिस, बैडमिंटन आदि खेलों का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन जिला पदाधिकारी विजय प्रकाश मीणा, समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, ओएसडी सुधीर रंजन, खेल पदाधिकारी चंदन कुमार आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर डीएम मीणा ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए बस इतना ही कहा- खेलो इंडिया, जीतो इंडिया। पुरस्कार वितरण करते समय इन बच्चों को शिक्षाविद् डॉ.मधेपुरी ने यही कहा कि भारत की एकता और अखंडता को कायम रखने के लिए भारतीय रेल की तरह खेल की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। टेबल टेनिस में माही प्रथम, उर्वशी द्वितीय रही। बालक वर्ग में रमण गुप्ता प्रथम, मनोज गुप्ता द्वितीय रहे। बैडमिंटन बालिका वर्ग में माया विद्या निकेतन की राजलक्ष्मी प्रथम, द्वितीय ख्याति, तृतीय शंभवी सिंह ब्राइट एंजेल्स की। बालक वर्ग में प्रथम जगजीवन आश्रम स्कूल के देवराज, द्वितीय आदर्श चंदन माया विद्या निकेतन के एवं मोहम्मद कामरान तृतीय। बालिका कबड्डी में 39 अंक लाकर मधेपुरा टीम विजेता रही। बालक वर्ग में 43 अंक लाकर मधेपुरा टीम विजेता रही। द्वितीय स्थान पर उदाकिशुनगंज की टीम कायम रहे।

अंत तक निजी विद्यालय संघ के अध्यक्ष किशोर कुमार, टेबल टेनिस के सचिव प्रदीप श्रीवास्तव, सचिव दिलीप कुमार, विमल कुमार भारती, रितेश रंजन आदि उपस्थित रहे। निर्णायक की भूमिका में रोशन कुमार, गौरी शंकर, निशू कुमार, बंटी कुमार, प्रेम कुमार, नीरज कुमार, राखी राज, अंजू कुमारी ने अग्रणी भूमिका निभाई।

 

 

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आज है जिले का 43वां स्थापना दिवस, अतीत को याद करने का दिन

याद कीजिए 9 मई, 1981 का वह ऐतिहासिक दिन। स्थानीय रासबिहारी उच्च माध्यमिक विद्यालय का वह विशाल मैदान। दर्शकों से खचाखच भरी हुई भीड़। जिले का उद्घाटन कर रहे थे तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ.जगन्नाथ मिश्र। अध्यक्षता कर रहे थे सामाजिक न्याय के पुरोधा एवं पूर्व मुख्यमंत्री बीपी मंडल। मुख्य अतिथि थे पूर्व कुलपति डॉ.केके मंडल, स्वागताध्यक्ष थे टीपी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. महावीर प्रसाद यादव और कार्यक्रम संयोजक नगरपालिका के तत्कालीन उपाध्यक्ष डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी।

प्रथम एसपी श्री अभयानंद का सम्मान करते हुए डॉ.मधेपुरी
प्रथम एसपी श्री अभयानंद का सम्मान करते हुए डॉ.मधेपुरी

जानिए कि 1845 में अनुमंडल बना था मधेपुरा। 136 वर्षों तक अनुमंडल बने रहने के बाद मधेपुरा को जिला का दर्जा देने आए थे मुख्यमंत्री डॉ.जगन्नाथ मिश्र। इस महादान के लिए महा सम्मान में जुटे थे- मधेपुरा के नर-नारियों, व्यापारियों, कर्मचारियों, बुद्धिजीवियों तथा बच्चे-बूढ़े-नौजवानों। मुख्यमंत्री डॉ.मिश्रा अपना दाहिना हाथ डीएम डॉ.एसपी सेठ (भाप्रसे) एवं बायाँ हाथ एसपी श्री अभयानंद (भापुसे) के कंधे पर रखते हुए मधेपुरा वासियों से यही कहा था- “युवा डीएम श्री एसपी सेठ आपके नए जिले का विकास एवं युवा एसपी श्री अभयानंद आपकी सुरक्षा ठीक से तभी कर पाएंगे जब आपका भरपूर सहयोग इन्हें मिलता रहेगा।”

आज भले ही 1989 में बने विशाल तीन मंजिले भवन में जिला मुख्यालय का डीएम, एसपी सहित अन्य कार्यालय जन कार्यों में लगा है, परंतु 9 मई, 1981 को यह जिला स्थानीय पुराने भवन वाले जीवन सदन की मात्र 2 कोठरियों में ही आरंभ हुआ था। उसी जीवन सदन के निकट प्रेमचंद हरनाथका के किराए वाले मकान में एसपी कार्यालय संचालित होता रहा। आरंभ में बीएन मंडल स्टेडियम की जगह सारे कार्यक्रम रासबिहारी विद्यालय के मैदान में हुआ करता था। स्वतंत्रता दिवस पर जिले का पहला ध्वजारोहण भी उसी मैदान में हुआ था।

उन दिनों डीएम का आवास तत्कालीन कोसी प्रोजेक्ट के इंस्पेक्शन बंगला (जो वर्तमान में भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यालय है) में हुआ करता था। और एसपी का आवास शहीद चुल्हाय मार्ग स्थित जिला परिषद के डाक बंगला में हुआ करता था।

अंत में कार्यक्रम संयोजक डॉ.मधेपुरी के अनुसार श्री बीपी मंडल के अध्यक्षीय भाषण के चंद शब्द जैसा उन्होंने अपने संबोधन में कहा था- “सर्वशक्तिमान ईश्वर को मैं धन्यवाद देता हूं कि मुझे इस जीवन में ही मधेपुरा को जिला होते देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ…… आज मैं मुख्यमंत्री डॉ.जगन्नाथ मिश्र को धन्यवाद देता हूं और बड़े भाई के नाते आशीर्वाद भी देता हूं कि उन्होंने मधेपुरा को जिला बनाकर साबित कर दिया कि वे जात-पात एवं संकुचित विचार से ऊपर हैं…… यूँ मुझे भी बिहार का मुख्यमंत्री रहने का मौका मिला, लेकिन अल्पावधि में ही सही मैं भी मधेपुरा को जिला नहीं बना सका।”

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पद्मश्री के लिए संत गंगा दास का नाम आगे जाना चाहिए- डॉ.मधेपुरी

सिंहेश्वर के अशोक वाटिका के सभागार में 5 मई को महात्मा बुद्ध, कार्ल मार्क्स एवं विश्व नशा उन्मूलन व कल्याण मिशन के संस्थापक संत गंगा दास की 75वीं जयंती समारोह का उद्घाटन समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने किया। बुद्ध जयंती पर डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने अपने संबोधन में कहा कि महात्मा बुद्ध अपने अंदर कभी भी नकारात्मक सोच को आने की अनुमति नहीं दी। कार्ल मार्क्स की जयंती पर डॉ.मधेपुरी ने कहा कि उनका संदेश यही था कि दुनिया में एक ही धर्म हो, इंसानियत का धर्म। परंतु यह हो नहीं सका। संत गंगा दास भी विश्व नशा उन्मूलन की सोच लेकर कश्मीर से कन्याकुमारी और राजस्थान से बंगाल की खाड़ी तक नशा उन्मूलन का पताका फहराते रहे, भले ही पूर्ण उन्मूलन नहीं हो पाया। फिर भी संत गंगा दास हतोत्साहित नहीं होते, बल्कि पूरी ऊर्जा के साथ नशा उन्मूलन के लिए सक्रिय हो जाते हैं। नशा उन्मूलन के लिए संत गंगा दास के अद्भुत जुनून को देखकर डॉ.मधेपुरी ने कहा कि पद्मश्री के लिए इनका नाम आगे जाना चाहिए।

Samajsevi-Shikshavid Dr.Bhupendra Madhepuri is being honoured by Sant Ganga Das at Ashok Vatika Singjeshwar.
Samajsevi-Shikshavid Dr.Bhupendra Madhepuri is being honoured by Sant Ganga Das at Ashok Vatika Singjeshwar.

इस अवसर पर बीएन मंडल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव प्रो.सचिंद्र महतो, संत सुखदेव दास, डॉ.रामचंद्र मंडल, रामचंद्र दास, शंभू शरण भारतीय, भरत चंद्र भगत  आदि ने कहा कि नशा आदमी के शरीर के साथ-साथ आत्मा को भी जर्जर कर देती है। समारोह की अध्यक्षता व्यापार संघ के महासचिव अशोक भगत ने की। अतिथियों का स्वागत ग्रीन फील्ड की छात्राओं ने की। मंच संचालन दुर्गानंद विश्वास व जय नारायण पंडित ने किया। नशा पान करने वालों के बीच दूध का वितरण भी किया गया।

 

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भूपेन्द्र प्रतिमा स्थल पर 1 मई को बेहतरीन काम करने वाले मजदूरों को डॉ.मधेपुरी ने किया सम्मानित

समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने 1 मई यानी ‘मजदूर दिवस’ के दिन समाजवादी चिंतक भूपेन्द्र नारायण मंडल की प्रतिमा के सामने भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में विशेष योग्यता वाले मजदूरों को अंगवस्त्रम, पाग, माला व मिठाई देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि मजदूर दिवस का दिन न केवल श्रमिकों को सम्मान देने का दिन होता है बल्कि आज का दिन मजदूरों के हक के प्रति आवाज उठाने का भी दिन होता है ताकि उन्हें भी समान अधिकार मिल सके। समानता की बातें करते हुए डॉ.मधेपुरी ने सरकार से मांग की कि छोटे-मोटे काम करने वाले श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद कम से कम 5000 रुपए प्रतिमाह पेंशन अवश्य मिले। क्योंकि, देश का कोई भी काम श्रमिकों द्वारा किए बिना पूर्ण नहीं होता। इसलिए तो श्रम को सम्मान देना हमारी संस्कृति का हिस्सा है। तभी तो श्रमिकों की मेहनत, लगन एवं कार्य क्षमता को आज देश ही नहीं दुनिया सलाम करती है। अतः श्रमिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की गारंटी सरकार को लेनी चाहिए। विपरीत परिस्थितियों में श्रमिकों अथवा उनके परिजनों को मिलने वाली सहायता की राशि भी बढ़ाई जानी चाहिए। क्योंकि, शिक्षक की तरह श्रमिक भी विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्र निर्माण एवं विकास के लिए निरंतर क्रियाशील रहता है। श्रमिक दिवस पूर्णरूपेण श्रमिक वर्ग को ही समर्पित हो तभी देश मजबूत बनेगा।

डॉ.मधेपुरी ने अपने संबोधन में कहा कि 1 मई 1886 को अमेरिका के शिकागो शहर में मजदूरों ने 15-15 घंटे काम लिए जाने के विरुद्ध आंदोलन शुरू किया था। तीन साल बाद 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक हुई जिसमें तय हुआ कि हर मजदूर से दिन के 8 घंटे ही काम लिया जाएगा। साथ ही 1 मई को छुट्टी देने का भी फैसला लिया गया। तब से देश और दुनिया में 1 मई को प्रतिवर्ष मजदूर दिवस मनाया जाता है।

मौके पर सम्मानित होने वालों में नामचीन राजमिस्त्री हरिनंदन यादव एवं मो.रिजवान आलम, कुशल बिजली मिस्त्री शिव कुमार एवं अरविंद कुमार, खेतिहर मजदूर संजय मुखिया, गज्जो मुखिया एवं लक्ष्मण दास और स्किल्ड लेबर विकास कुमार, राम कुमार एवं महेंद्र साह आदि मौजूद थे।

 

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