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शुरू हुआ ‘डिजिटल इंडिया वीक’

बुधवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया वीक की भव्य शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश में बदलाव होकर रहेगा और इस बदलाव को समझने की जरूरत है। जो इस बदलाव को नहीं समझेगा वो दूर खड़ा दिखाई देगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब ई गवर्नेंस एम गवर्नेंस में बदल रहा है। एम गवर्नेंस का मतलब मोदी सरकार नहीं है बल्कि मोबाइल सरकार है। अपने 27 मिनट के प्रभावशाली भाषण में उन्होंने कई उदाहरणों के साथ बताया कि किस प्रकार यह हमारे लिए जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र की सत्ता संभालते ही कहा था कि डिजिटल तकनीक की मदद से न सिर्फ शासन को आसान बनाएंगे बल्कि इसके जरिए देर के हर इंसान की जिंदगी भी बेहतर बनाएंगे।

डिजिटल इंडिया देश भर में इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस और यूनिवर्सल फोन कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए एक बड़े पैमाने पर तकनीक विस्तार देने का काम करेगा। इसका एक उद्देश्य ऐसी प्रौद्योगिकी का निर्माण करना होगा, जो देश के डिजिटल डिवाइड की खाई को पाट सके। दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था और मोबाइल की गिरती हुईं कीमतों ने भारत को स्मार्टफोन का विश्व में एक बहुत बड़ा बाजार बना दिया है। अब प्रधानमंत्री चाहते है कि तकनीक के माध्यम से इस बाजार का उपयोग शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए भी किया जाए। श्री प्रसाद ने डिजिटल इंडिया वीक के दौरान अधिक से अधिक निवेश प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इसके बाद हमारा ध्यान इस क्षेत्र में रोजगार प्रदान करने पर होगा। इसका उद्देश्य 2020 तक भारत को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का है। इसके साथ ही वह 100 मिलियन रोजगार भी उत्पन्न किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मेक इन इंडिया के बिना डिजिटल इंडिया का सपना पूरा नहीं हो सकता।

डिजिटल इंडिया में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने 2.5 लाख करोड़ का निवेश करने की घोषणा की। डिजिटल इंडिया को लेकर केन्द्र सरकार की तत्परता पर उनकी यह टिप्पणी महत्वपूर्ण थी कि वैसे इंडस्ट्रीज सरकार से ज्यादा तेजी से चलती हैं लेकिन यहां सरकार ज्यादा तेज चल रही है। कुमारमंगलम बिड़ला ने बताया कि उनकी कंपनी 44500 करोड़ रुपए आने वाले 5 वर्षों में निवेश करने वाली है। वहीं सायरस मिस्त्री ने इस मौके पर कहा कि टाटा ग्रुप ने इस साल 60000 आईटी प्रोफेशनल को नियुक्त किया है।

बताते चलें कि केन्द्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना में कई राज्यों ने खासी दिलचस्पी दिखाई है। 10 राज्यों ने तो गांवों में हाईस्पीड ब्रॉडबैंड पहुँचाने के लिए लॉन्च की गई भारत नेट योजना का क्रियान्वयन तेज करने के लिए केन्द्र के भरोसे बैठने की जगह खुद इसे चलाने का फैसला किया है। इन राज्यों में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात एवं महाराष्ट्र शामिल हैं।

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आज पीएम मोदी करेंगे‘डिजिटल इंडिया वीक’की शुरुआत

केन्द्र की राजग सरकार आज से डिजिटल इंडिया वीक की शुरुआत कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिल्ली में देश और दुनिया के दिग्गज उद्योगपतियों के साथ इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में डिजिटल इंडिया वीक लॉन्च करेंगे। डिजिटल इंडिया के जरिये भारत के हर गांव-शहर को इंटरनेट की सुविधा से जोड़ने की योजना है ताकि आज की रफ्तार भरी ज़िन्दगी के अनुरूप तमाम जरूरी सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध हों।

डिजिटल इंडिया वीक की लॉन्चिंग के दौरान 10 हजार से ज्यादा लोग मौजूद रहेंगे, जिनमें विभिन्न राज्यों के आईटी मंत्री, आईटी पेशेवर और छात्रों के अलावा कई बडे देसी विदेशी उद्योगपति और सीईओ भी शामिल हैं। मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, सायरस मिस्त्री, सुनील भारती मित्तल, अजीम प्रेमजी, कुमारमंगलम बिड़ला के अलावा कई ग्लोबल बिजनेस लीडर्स भी इस कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं।

केन्द्र सरकार डिजिटल इंडिया अभियान के जरिये बड़े पैमाने पर भारत में निवेश लाने की कोशिश में है। इस दौरान अरबों रुपये के निवेश समझौते होंगे। आज लॉन्चिंग के दौरान प्रधानमंत्री विभिन्न शहरों में वाई फाई की सुविधा को भी लॉन्च करेंगे। इस मौके पर ई-हेल्थ, ई-एजुकेशन और डिजिटल लॉकर जैसी योजनाओं को भी प्रधानमंत्री लॉन्च करेंगे। डिजिटल इंडिया वीक के दौरान सप्ताह भर विभिन्न राज्यों में डिजिटल इंडिया को बढावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

बताते चलें कि पिछले साल अगस्त में डिजिटल इंडिया अभियान को लॉन्च किया गया था। सरकार ने डिजिटल इंडिया के लिये एक लाख करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। आज प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इंदौर की दो ग्राम पंचायतों को डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट से जोड़ेंगे। इसका मकसद ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड इंटरनेट से जोड़ने का है। सरकार इसके जरिये ई-गवर्नेंस को भी बढ़ावा देना चाहती है।

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गाँधी जयन्ती से मानव मल मुक्त होगा भारतीय रेल

गाँधी जयन्ती यानी 2 अक्टूबर से रेलवे के 175 कि.मी. रेल ट्रैक पर मानव मल कहीं नहीं दिखाई देंगे | स्वच्छ भारत अभियान को एक वर्ष पूरा होने के दिन से भारतीय रेलवे के दो रूटों की ट्रेनों में जैव शौचालय लगाये जायेंगे | ये दोनों रेल रूट होंगे – 141 कि.मी. लम्बा कानालुस –द्वारका –ओखा एवं 34 कि.मी.पोरबन्दर –वन्सजायल खंड जो कुल मिलाकर 175 कि.मी. 2 अक्टूबर से “शून्यशौच मलत्याग ” मार्ग बन जायेंगे | कितना अच्छा होगा वह दिन जब स्वच्छ भारत अभियान अपनी ऊंचाई को प्राप्त करेगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना साकार होगा !!

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बिहार से पुनः हरित क्रान्ति का श्री गणेश

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान की ऑनलाइन आधारशिला रखी जिसके माध्यम से बिहार , झारखण्ड , ओड़िसा , पश्चिम बंगाल , असम आदि अन्य भारत के पूर्वी इलाकों की मिट्टी के साथ-साथ वहां का वातावरण भी दूसरी हरित क्रान्ति के लिए सर्वथा अनुकूल है | प्रधानमंत्री का पूरा ध्यान इस क्षेत्र को विकसित करने पर केन्द्रित है | इस इलाके में बंद पड़े यूरिया कारखानों को पुनः चालू करने के साथ-साथ किसानों को सभी प्रकार के खाद एवं कृषि के अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध कराए जायेंगे | मिट्टी के गुण-दोष को जानने के लिए किसान को स्वायल हेल्थ कार्ड मिलेगा | कृषि सिंचाई योजना का काम पूरा किया जायेगा | नहर द्वारा हर खेत में पानी पहुँचाया जायेगा |अच्छे किस्म के बीज , बिजली एवं पानी उपलब्ध कराये जाने का संकल्प भी लिया गया जो पूर्वी भारत में कृषि के क्षेत्र में नये युग का आरम्भ करेगा  |

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राजपथ पर योग के दौरान मोदी पर लगा तिरंगे के अपमान का आरोप, शिकायत दर्ज !

पुड्डुचेरी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मंगलवार को पुड्डुचेरी पुलिस स्टेशन में एक दलित एक्टिविस्ट ने शिकायत दर्ज कराई है। उन पर राष्‍ट्रीय झंडे के अपमान का आरोप लगाया गया है। अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस के मौके पर 21 जून (रविवार) को राजपथ पर योग करते हुए पीएम के गले में तीन रंगों वाली एक चुनरी थी। बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि मोदी ने अपने गले में तिरंगा लपेटा था और उन्होंने राष्‍ट्रीय झंडे का अपमान किया है।

क्या है आपत्ति
आपत्ति दर्ज कराने वाले का दावा है कि मोदी ने योग करते हुए तिरंगा गले में लपेट रखा था। उससे कई बार अपना मुंह पोंछा था। वह जब योग कर रहे थे, तो जमीन पर कई बार तिरंगा छू भी गया था। कई बार उनके पैर से भी तिरंगा सटा था। इस तरह उन्‍होंने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया।
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पुलिस का बयान
पुलिस ने कहा, ”दलित सेना के स्टेट जनरल सेक्रेटरी सुंदर ने मामला दर्ज कराया है। उनका कहना है कि उन्हें वाट्सऐप पर ऐसी तस्वीरें मिली हैं, जिनमें लग रहा है कि मोदी राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कर रहे हैं। गले में अगर तिरंगा झुलाया जा रहा है और उससे योग करते हुए पसीना पोंछा जा रहा है तो यह ध्वज का अपमान है।” शिकायतकर्ता की मांग पर मोदी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

हाल ही में अमिताभ-अभिषेक के खिलाफ हुआ है मुकदमा
तिरंगे के अपमान से जुड़ी शिकायतों में राष्ट्रीय गौरव अपमान रोकथाम अधिनियम 1971 और फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002 के तहत धाराएं लगती हैं। अमिताभ बच्चन और उनके बेटे अभिषेक बच्चन पर भी शरीर पर तिरंगा ओढ़ने के मामले में इन्हीं दो कानूनों के तहत गाजियाबाद कोर्ट में 18 जून को मुकदमा दायर किया गया है।

क्या कहते हैं नियम?
फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002 के सेक्शन-4 में राष्ट्रध्वज के इस्तेमाल से जुड़े प्रावधान हैं। इसमें कहा गया है कि किसी भी स्थिति में यह सुनिश्चित होना चाहिए कि राष्ट्रध्वज जानबूझकर जमीन पर न गिराया जाए। शहीदों के अंतिम संस्कार के अलावा राष्ट्रध्वज को ओढ़ा या लपेटा भी नहीं जा सकता। वहीं, राष्ट्रीय गौरव अपमान रोकथाम अधिनियम 1971 की धारा 2 कहती है कि कमर के नीचे पहने वाले जाने वाले ड्रेस में भी राष्ट्रध्वज का इस्तेमाल नहीं हो सकता। राष्ट्रध्वज को जानबूझकर जमीन या पानी से छूने देना अपमान की श्रेणी में आएगा। कानून में पहली बार के अपराध के लिए सजा का प्रावधान स्पष्ट नहीं है। यह जरूर कहा गया है कि दूसरी बार दोषी पाए जाने पर अधिकतम एक साल की सजा हो सकती है।

उमा भारती को देना पड़ा था इस्तीफा
राष्ट्रध्वज के अपमान के एक मामले के चलते उमा भारती को 2004 में मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उमा के खिलाफ हुबली में तिरंगा यात्रा के दौरान राष्ट्रध्वज का अपमान करने का मामला दर्ज हुआ था। एक मैगजीन में उनकी तिरंगे साथ तस्वीर छपी थी। हुबली की कोर्ट ने उनके नाम अरेस्ट वारंट जारी कर दिया था। हालांकि, अप्रैल 2015 में उन्हें हुबली के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने बरी कर दिया।

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भारतीय राजनीति में भूकंप के झटके

भाजपा के वरिष्ठ नेता व भूतपूर्व उपप्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी ने आपातकाल पर टिप्पणी क्या कर दी भारतीय राजनीति में ऐसा लग रहा है मानो भूकम्प के झटके आ रहे हों। आप के साथ-साथ जदयू और कांग्रेस की ओर से जो बयान इस बीच आए हैं वे भविष्य के लिए कई संकेत कर रहे हैं। बताना जरूरी होगा कि श्री आडवाणी ने आपातकाल को लेकर कहा कि इसे खारिज नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि जो ताकतें लोकतंत्र को कुचल सकती हैं वे मजबूत हुई हैं। उनके इस बयान पर अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पर केन्दित है।

गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार और दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल ने श्री आडवाणी द्वारा आपातकाल पर की गई टिप्पणी का जोरदार समर्थन किया है। जिन्ना को धर्मनिरपेक्ष कहने वाली उनकी टिप्पणी के बाद ये एक और मौका है जब दिग्गज राजनेता श्री आडवाणी को लेकर भाजपा खुद को असहज पा रही है।

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मन के पार, चेतना के द्वार जाने की तैयारी का नाम है योग

21 जून को केवल मधेपुरा ही नहीं बल्कि दिल्ली स्थित रायसीना हिल सहित सम्पूर्ण भारत योगमय वातावरण से आच्छादित हो जाएगा। आजू-बाजू के जिले के भी सभी प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शारीरिक शिक्षक योग सिखाएंगे। विगत कुछ वर्षों से योगगुरू स्वामी रामदेव द्वारा योग को विश्व में अनवरत प्रचारित-प्रसारित करते रहने एवं हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा संयुक्त राष्ट्रसंघ की महासभा में योग एवं भारतीय संस्कृति को बुलंदी के साथ रखने के फलस्वरूप 21 जून को घोषित अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस को धूम-धाम से मनाए जाने की तैयारी शुरू हो गई है।

इस अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के निर्देशानुसार कॉलेजों में शिक्षकों, कर्मचारियों सहित छात्र-छात्राओं एवं एन.सी.सी. के जवानों को योग से होनेवाले लाभ की जानकारी दी जाएगी। भूपेन्द्र नारायण मंडल वि.वि., मधेपुरा के एन.एस.एस. समन्वयक डॉ. अब्दुल लतीफ ने कहा कि इस क्षेत्र में योग के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए भारत सरकार ने वि.वि. मुख्यालय में केन्द्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा रिसर्च सेंटर खोलने का फैसला किया है।

जहाँ एक ओर महाविद्यालयों में पूर्वाभ्यास कार्यक्रमों के लिए प्रो. नन्दकिशोर एवं महिला प्रभारी प्रो. रीता कुमारी ने मधेपुरावासियों का आह्वान करते हुए कहा कि योगाभ्यास के सभी कार्यक्रमों में भाग लेकर अपने जिला को एक जागरुक जिला के तौर पर पेश करें, वहीं दूसरी ओर देश के दूसरे हिस्सों में कुछ स्वार्थी तत्वों ने इसे धर्म से जोड़कर राजनीति करना शुरू कर दिया है। विरोध करनेवालों को यह जानकारी होनी चाहिए कि योग हिन्दू-मुस्लिम-सिक्ख-ईसाई देखकर फायदा या नुकसान नहीं पहुँचाता अपितु यह एक शारीरिक व मानसिक क्रिया है। योग से आन्तरिक शक्ति ही नहीं आत्मप्रकाश में भी वृद्धि होती है। योग से व्याधि और व्यवधान मिटते हैं। अन्तरात्मा को जाग्रत करना ही योग है। मन के पार, चेतना के द्वार जाने की तैयारी का नाम है योग, जो अन्दर की आँखें खोलता है।

विश्व के सभी जातियों, धर्मों व सम्प्रदायों के लोग यदि संकीर्णता से ऊपर उठकर योग को स्वास्थ्य से जोड़कर देखें तो सम्पूर्ण मानव-जाति का कल्याण होगा। हाल ही में अलीगढ़ मुस्लिम वि.वि. के कुलपति जमीरूद्दीन शाह ने कहा कि योग यहाँ की संस्कृति में समाया हुआ है। उन्होंने बिल्कुल सही कहा कि योग एक राष्ट्रीय खजाना है जिसे धार्मिक रंग देने की जगह शारीरिक एवं मानसिक व्यायाम की प्राचीन कला के रूप में स्वीकारना ही श्रेयस्कर है।

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