जहाँ एक ओर कुमारखंड ब्लॉक के इसराइन कला गाँव के निवासी एवं 1984 बैच के आईपीएस अरविंद कुमार 26 जून को इंटेलिजेंस ब्यूरो के 2 वर्ष के लिए नए डायरेक्टर बनने से पूर्व इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी बनकर नक्सल आतंक के फन को कुचलने में कई कामयाब ऑपरेशन कर राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर चुके थे…. तथा कश्मीर मामले के एक्सपर्ट माने जाने वाले आईपीएस अरविंद को नक्सलवाद प्रभावित इलाके में बेहतर पुलिसिंग के लिए महामहिम राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत भी किया गया वहीं दूसरी ओर कुमारखंड निवासी दिल्ली पुलिस के डीजीपी एवं सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर रहे एनके सिंह बतौर एसपी कभी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार करने का साहस जुटाकर देशभर में खूब सुर्खियां बटोरी।
यह भी बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार और चुनाव आयोग के लिए आगे होने वाला जम्मू कश्मीर का विधानसभा चुनाव एक बड़ी चुनौती मानी जा रही है….. लिहाजा आईबी के डायरेक्टर के रूप में राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा अरविंद कुमार की नियुक्ति को अहम मानी जा रही है। भला क्यों नहीं असम मेघालय कैडर के आईपीएस श्री अरविंद कुमार पूर्व से ही जम्मू-कश्मीर के विशेषज्ञ के रूप में जाने जाते हैं।
चलते-चलते यह भी बता दें कि श्री कुमार की प्रारंभिक पढ़ाई पूर्णिया में हुई जहां इनके पिताश्री सच्चिदानंद सिंह प्रखंड कार्यालय में बड़ा बाबू थे। फिर नेतरहाट… सायंस कॉलेज पटना और दिल्ली में पढ़ाई पूरी कर 1984 में आईपीएस बने। बावजूद इसके वे अपने गाँव-समाज से सदा जुड़े रहे तभी तो 23 अगस्त 2018 को चाचा नित्यानंद सिंह की अर्थी को कंधा देने गाँव पहुंच गए थे।
डायरेक्टर पद पर उनकी नियुक्ति की खबर सुनकर गाँव में जश्न का माहौल छा गया गाँव के लोगों ने एक-दूसरे को मिठाइयाँ खिलाकर बधाई दी। उनके अपनों में खासकर भाई अनुराग, अभिजीत कुमार, भवेश, अखिलेश….. व भतीजे केशव, शांतनु सहित भतीजी खुशबू ,मोनिका, स्निग्धा आदि ने उत्साह और उमंग के बीच एक-दूसरे के साथ खुशियाँ साझा किया।