नव वर्ष में साहुगढ़ निवासी कोल इंडिया के मुख्य अभियंता रह चुके स्मृतिशेष इंजीनियर कमलाकांत यादव के सुपुत्र लेफ्टिनेंट कर्नल शशि शेखर व पुत्रवधू डॉ.जूली ज्योति, प्राचार्या मधेपुरा विमेंस कॉलेज व सुपुत्री मधेपुरा कॉलेज के संस्थापक डॉ.अशोक कुमार व डॉ.पूनम कुमारी के सतत् प्रयास से उनकी स्मृति में बनाया गया है- के.के. दरबार जो आधुनिक सुविधाओं से लैस है और जहां जन्मदिन से लेकर इंगेजमेंट व वैवाहिक कार्यक्रमों को सकुशल संपन्न करने के लिए एक बड़ा हाॅल, 15 एसी और नॉन एसी कमरे व अन्य सुविधाएं सहित बहुत बड़ा पार्किंग स्पेस भी है। इसके अतिरिक्त और ढेर सारी सुविधाएं बढ़ाए जाने का सिलसिला भी जारी है।
कर्नल शशि शेखर की कार्य व्यस्तता के कारण 10 जनवरी, 2022 (सोमवार) को केके दरबार का उद्घाटन उनके गुरुवर वेदानंद बाबू, महेंद्र बाबू एवं भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक, कुलानुशासक व कुलसचिव रह चुके समाजसेवी-साहित्यकार प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने सर्वप्रथम फीता काटकर किया।

पुनः केके दरबार हॉल के मंच पर सीनेट व सिंडिकेट के मेंबर सह केपी कॉलेज के प्राचार्य प्रो.(डॉ.)जवाहर पासवान, कुमार किशोर बाबू, चंद्रशेखर बाबू, डॉ.मधेपुरी, महेंद्र बाबू, राजद जिलाध्यक्ष जयकांत यादव, प्राचार्य डॉ.अशोक कुमार, प्राचार्या डॉ.जूली ज्योति, उमेश मुखिया, कर्नल शशि शेखर, मनोज भटनागर आदि की उपस्थिति में समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने सहयोग करते हुए 92 वर्षीय गुरुवर चंद्रशेखर बाबू उर्फ वेदानंद बाबू से दीप प्रज्जवलित कराकर उद्घाटन कार्यक्रम संपन्न कराया, जिन्होंने अपने संबोधन में अपने प्रिय छात्र के.के. को जहां आधुनिक विश्वकर्मा की संज्ञा दी वहीं गुरुवर महेंद्र बाबू ने कहा कि वे कमलाकांत को अंग्रेजी पढ़ाया करते थे।
उद्घाटन के बाद डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने विस्तार से अपने साथ रासबिहारी उच्च विद्यालय में पढ़ने वाले इंद्रनारायण प्रधान, तेज नारायण, कमलाकांत, दिनेश कुमार, रघुनाथ यादव, नारायण यादव आदि को संदर्भित करते हुए आगे प्रभात कुमार एवं डॉ.पूनम कुमारी के पिताश्री स्मृतिशेष इंजीनियर सच्चिदानंद यादव के योगदान को याद कर भावुक होते दिखे। डॉ.मधेपुरी ने कहा कि उन दिनों कोल इंडिया में एक वर्ष की कार्यतालिका बनाई जाती थी जिसमें इंजीनियर केके यादव की मेहनत और लगन के कारण घोषित कार्य 8 से 9 महीने में पूरा हो जाया करता था। इस कारण उन्हें विभाग द्वारा बराबर प्रमोशन पाने का अवसर मिल जाता। यह बात 1988 की है। एक बार केके के डिप्टी चीफ इंजीनियर में प्रमोशन के लिए फाइल बढ़कर कोल इंडिया लिमिटेड कोलकाता के टंडन साहब के पास अकारण 6 महीने से अधिक से पड़ी रह गई, तब केके के कहने पर डॉ.मधेपुरी ने तत्कालीन सांसद डॉ.महावीर प्रसाद यादव सह प्राचार्य टीपी कॉलेज से कहकर टंडन साहब को पत्र प्रेषित करवाया था। एमपी डॉ.महावीर प्रसाद यादव उन दिनों कोल इंडिया लिमिटेड के सदस्य हुआ करते थे। एक सप्ताह के अंदर केके का प्रमोशन हुआ और उन्होंने जब डॉ.मधेपुरी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की तो उन्होंने यही कहा- “केके यानी कमाल के कर्मवीर हो यार”।
उद्घाटन समारोह में विश्वविद्यालय समन्वयक डॉ.अभय कुमार, डॉ.रामदेव प्रसाद यादव, समाजसेवी ध्यानी यादव, डॉ.ललन कुमार, डॉ.मिथिलेश कुमार राणा आदि अतिथियों द्वारा अपने उद्गार में केके के विचारों को परोसने का काम किया गया। साहुगढ़ के मुखिया मुकेश कुमार, पूर्व मुखिया अरविंद कुमार, राजेंद्र प्रसाद यादव, जय कुमार यादव, मुश्ताक मोहम्मद, मनोज भटनागर, योगी जनक आदि भी उद्घाटन समारोह में शामिल थे।
आरंभ में कर्नल शशि शेखर, प्राचार्या डॉ.जूली ज्योति, उमेश कुमार व बबीता कुमारी ने अंगवस्त्रम, पाग व शाॅल द्वारा सभी मंचासीन अतिथियों का सत्कार किया और स्वागत भाषण भी दिया। समारोह की अध्यक्षता मधेपुरा कॉलेज के संस्थापक प्राचार्य डॉ.अशोक कुमार ने की और मंच का सफल संचालन किया अंतरराष्ट्रीय उद्घोषक पृथ्वीराज यदुवंशी ने।