जो भारत की तरक्की के लिए व्यक्तिगत सुख-सुविधाएं एवं पारिवारिक हितों की निरंतर कुर्बानी अर्पित करता रहा, जो विदेश जाकर अथाह पैसा कमाने की क्षमता रखने के बावजूद भारत की सेवा में अपना जीवन समर्पित करता रहा और जो सीमित संसाधनों के बीच रहकर भी भारत को वैज्ञानिक बुलंदियों तक ले जाने के लिए सदैव जोखिम उठाता रहा-
इन्हीं खूबियों के कारण जो आम आदमी की निष्ठा, आशा और विश्वास का केंद्र बन गया, वह कौन है ? वही तो है- विराट विजन और पारदर्शी व्यक्तित्व का मालिक संपूर्ण भारतीय डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम !

मधेपुरा में उन्हीं के नाम डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी सहित अन्य प्रबुद्ध जनों के अनुरोध पर तत्कालीन डायनेमिक डीएम मो.सोहैल ने नगर परिषद के इस अनाम पार्क का नाम कर दिया डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के नाम।
इस कलाम पार्क में आने-जाने वाले बच्चों एवं बुजुर्गों के लिए नए वर्ष के प्रथम सप्ताह में नव हर्षोल्लास मनाते हुए भारतरत्न डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के अत्यंत करीबी रहे डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी के माध्यम से प्रसारित या संदेश मधेपुरा को ही नहीं बल्कि देश और दुनिया को भी राह दिखाता रहेगा-
“ये आँखे दुनिया को दोबारा नहीं देख पायेंगी, इसलिए आप के अंदर जो बेहतरीन है उसे दुनिया को देकर जाना, बच्चों को लेकर जाना…।।”