Lockdown at Bihariganj block village Rahta where first covid19 patient found.

मधेपुरा में कोरोना की दस्तक ने डीएम-एसपी की नींद कर दी हराम

बिहार की नीतीश सरकार ने 17 मार्च 2020 (मंगलवार) को कोरोना को महामारी घोषित कर दी थी… तब से अब तक मधेपुरा जिले में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। जिले के सभी समुदायों के लोगों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग… से लेकर लाॅकडाउन के दरमियान घर में रहने जैसे सारे निर्देशों के पालन किए जाते रहे और सभी सुरक्षित भी रहे। परंतु 24 अप्रैल (शुक्रवार) को जिले के बिहारीगंज प्रखंड के मोहनपुर पंचायत के रहटा गांव की एक 46 वर्षीय महिला अचानक कोरोना पॉजिटिव हो गई जिसके साथ ही मधेपुरा जिला के डीएम नवदीप शुक्ला सहित एसपी संजय कुमार की पूरी टीम की चिंता बढ़ गई और नींद हराम हो गई।

बता दें कि रहटा के इस महिला को 19 अप्रैल को पेट में दर्द हुआ तो उसे बिहारीगंज पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) लाया गया तथा वहां से उदाकिशुनगंज रेफरल अस्पताल भेज दिया गया। जहां उदाकिशुनगंज से उस महिला को भागलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया वहीं डीएम मधेपुरा ने एडीएम उपेंद्र कुमार को एहतियात के तौर पर समस्त कार्यों की निगरानी का जिम्मा सौंप दिया।

जानिए कि कोरोना समर्पित हॉस्पिटल होने के बावजूद भागलपुर मेडिकल कॉलेज ने उस महिला का ना तो कोरोना टेस्ट का सैंपल लिया और ना एंबुलेंस उपलब्ध कराया जबकि कोरोना के कुछ प्रारंभिक लक्षण रहने के बावजूद उसे कैंसर रोगी मानकर पटना आईजीआईएमएस कैंसर संस्थान रेफर कर दिया गया। परंतु एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण महिला अपने परिजनों सहित बिहारीगंज अपने घर वापस आ गई जबकि महिला बीते कई माह से गॉलब्लैडर कैंसर से पीड़ित थी और कई डॉक्टरों से भी दिखाती रही थी। घर लौटने पर दर्जनों लोग महिला के संपर्क में आए भी।

यह भी जानिए कि गांव का ही एक ऑटो 22 अप्रैल को किराए पर लेखकर पटना गई। 23 अप्रैल को आईजीआईएमएस गई तो वहां सर्वप्रथम उसका कोरोना सैंपल लिया गया और 24 अप्रैल को उसकी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई। अब सवाल यह उठता है कि संक्रमण के खतरे के घेरे में कौन-कौन लोग आते हैं उनकी सूची कैसे तैयार होगी ? फिलहाल रहटा गांव के 3 किलोमीटर के एरिया को कंटेनमेंट जोन घोषित कर सील कर दिया गया है। इस क्षेत्र में इस तरह की बैरिकेडिंग की गई है और पुलिसिंग भी कि ना कोई रहटा गांव के अंदर आ पाएगा और ना ही कोई बाहर जा पाएगा। आवश्यक सामग्रियों के लिए भी होम डिलीवरी की व्यवस्था की गई है। एहतियात के तौर पर 7 किलोमीटर के एरिया को बफर जोन बनाया गया है जिसके अंदर डोर-टू-डोर परिवार के प्रत्येक सदस्यों की स्क्रीनिंग कार्य तेजी से कराने का निर्देश भी जारी किया गया है।

 

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